Rana Sanga Controversy: बुधवार, 26 मार्च 2025 को आगरा शहर में एक बड़ा बवाल हुआ। समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के घर के बाहर हिंसक झड़प हुई। करणी सेना के सदस्यों ने उनके घर पर हमला किया। यह सब रणा सांगा के बारे में सांसद की टिप्पणी के कारण हुआ।
क्या था विवाद?
रामजीलाल सुमन ने पिछले हफ्ते एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि 16वीं सदी के राजपूत राजा रणा सांगा “देशद्रोही” थे। उनका आरोप था कि रणा सांगा ने मुगल वंश के संस्थापक बाबर को भारत आने का निमंत्रण दिया था। सुमन ने कहा कि उनके बयान बाबर की आत्मकथा ‘बाबरनामा’ पर आधारित हैं।
सुमन ने समाचार एजेंसी IANS को बताया था, “यह एक ऐतिहासिक तथ्य है। आजकल यह आम बात हो गई है कि भारतीय मुसलमानों में बाबर का DNA है…लेकिन सच्चाई यह है कि वे उसे अपना नेता नहीं मानते। बाबर धर्म के साथ नहीं आया…वह तलवार के साथ आया था।”
उन्होंने आगे कहा था, “बाबर को ‘विदेशी आक्रमणकारी‘ कहना आसान है…लेकिन उसे किसने बुलाया था? ‘बाबरनामा’ सहित कई रिकॉर्ड बताते हैं कि रणा सांगा ने इब्राहिम लोदी के खिलाफ लड़ने के लिए बाबर को आमंत्रित किया था। बाद में, हालात बदले, और खानवा के युद्ध में रणा सांगा खुद बाबर के खिलाफ लड़े।”
हिंसक प्रदर्शन
बुधवार को आगरा में रामजीलाल सुमन के घर के बाहर करणी सेना के सदस्य एकत्रित हुए। वे सांसद के घर में घुसने की कोशिश कर रहे थे। जब पुलिस ने उन्हें रोका, तो उन्होंने हिंसा का सहारा लिया। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
प्रदर्शनकारियों में से कुछ भगवा झंडे और लाठियां लेकर नारे लगा रहे थे। वीडियो में दिखाया गया कि पुलिस एक मुख्य सड़क पर बेरिकेटिंग लगाने की कोशिश कर रही थी। लेकिन कुछ ही सेकंड में भीड़ ने इन्हें तोड़ दिया।
एक और दृश्य में, सांसद के घर के बाहर एक बड़ी भीड़ जमा हुई थी। कुर्सियां टूटी हुई थीं और सड़क के किनारे खड़ी गाड़ियां तोड़ी गई थीं। एक व्यक्ति को काली शर्ट में गाली देते हुए और एक कार के बोनट पर खड़े देखा गया।
कई कारों की खिड़कियां तोड़ी गईं। एक टाटा सफारी कार, जिस पर भाजपा का झंडा लगा था, उसकी विंडस्क्रीन और खिड़कियां तोड़ दी गईं। एक आदमी कार से भाजपा का झंडा उखाड़ने की कोशिश कर रहा था।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
इस विवाद पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे “शर्मनाक कृत्य” बताया और समाजवादी पार्टी से माफी मांगने की मांग की। हालांकि, समाजवादी पार्टी ने पलटवार करते हुए भाजपा पर लोगों का ध्यान अधिक महत्वपूर्ण मुद्दों से भटकाने का आरोप लगाया।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर चुनिंदा मुद्दों पर आक्रोश दिखाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “अगर भाजपा इतिहास के पन्ने पलटती रहेगी, तो लोग यह भी याद करेंगे कि छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक के समय, किसी ने भी अपने हाथ से उनका अभिषेक नहीं किया था। कहा जाता है कि उनका अभिषेक बाएं पैर के अंगूठे का उपयोग करके किया गया था। क्या भाजपा आज इसकी निंदा करेगी?”
करणी सेना का बयान
करणी सेना के सदस्यों ने अपनी कार्रवाई का बचाव किया। उनका कहना है कि रणा सांगा राजपूत समुदाय के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं, और उनके बारे में ऐसी टिप्पणी अस्वीकार्य है। उन्होंने इस घटना को “सिर्फ एक ट्रेलर” बताया है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
रणा सांगा (महाराणा संग्राम सिंह) मेवाड़ के राजपूत शासक थे। उनके और बाबर के बीच 16 मार्च 1527 को खानवा का युद्ध हुआ था। इस युद्ध में बाबर ने रणा सांगा को हराया था।
कुछ इतिहासकारों का मानना है कि रणा सांगा ने पहले इब्राहिम लोदी के खिलाफ सहायता के लिए बाबर को आमंत्रित किया था। लेकिन जब बाबर ने 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराया, तो रणा सांगा ने अपनी स्थिति बदल ली। बाद में, वह बाबर के खिलाफ लड़े।
हालांकि, कई इतिहासकार इस बात से असहमत हैं कि रणा सांगा ने कभी बाबर को आमंत्रित किया था। वे मानते हैं कि यह बाबर की रणनीति थी जिसने उसे भारत में आक्रमण करने के लिए प्रेरित किया।
व्यापक प्रभाव
Rana Sanga Controversy: यह विवाद इस समय राजस्थान और उत्तर प्रदेश में गरमाया हुआ है। राजपूत समुदाय रणा सांगा को एक महान योद्धा और देशभक्त मानता है। उनकी छवि पर किसी भी तरह का आरोप उनके लिए अपमानजनक है।
इस घटना ने एक बार फिर इतिहास की व्याख्या और राजनीतिक विभाजन के बीच के संबंध को उजागर किया है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए हैं। आगरा में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
इस घटना की जांच जारी है और अधिकारी स्थिति पर नज़र रखे हुए हैं।