27 मार्च 2025 को रिलीज हुई मोहनलाल और पृथ्वीराज सुकुमारन की फिल्म “L2: Empuraan” ने थिएटर्स में धमाकेदार शुरुआत की है। लूसिफर 2019 की सीक्वल इस फिल्म का निर्देशन पृथ्वीराज सुकुमारन ने किया है। हमारे फिल्म समीक्षक दिनेश सैनी ने पहले दिन पहले शो में इस फिल्म को देखकर अपना रिव्यू तैयार किया है। उन्होंने बताया कि यह एक स्पॉइलर-फ्री रिव्यू है और दर्शकों को फिल्म देखने से पहले सिर्फ एक राय देने की कोशिश है।
क्या फिल्म अपनी हाइप के लायक है?
इस फिल्म की काफी हाइप थी। एडवांस बुकिंग में भी इसने रिकॉर्ड बनाए। सवाल यह है कि क्या फिल्म इस हाइप के लायक है?
कहानी – फिल्म की जान
सबसे पहले बात करते हैं कहानी की। कहानी फिल्म की जान होती है। “लूसिफर” की तरह, यह फिल्म भी एक स्लो बर्नर है। धीरे-धीरे शुरू होती है। फिर जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, गति पकड़ लेती है। फिर आपको हिलने का मौका नहीं देती।
इस फिल्म की कहानी में किरदारों को समझने के लिए समय दिया गया है। यही निर्देशक और कहानी लेखक की खूबसूरती है। शुरू में आपको थोड़ा वक्त लगेगा। लेकिन जब आप कहानी के साथ समायोजित हो जाएंगे, तो फिर कहीं से भी हिलने का मौका नहीं मिलेगा।
इस कहानी की सबसे खास बात है कि नियमित अंतराल पर बड़े-बड़े सीन आते रहते हैं। ये सीन आपको बांधे रखते हैं। वे आपको अगले सीन के लिए उत्साहित करते हैं। एक अच्छी कहानी की यही पहचान है।
फिल्म का स्केल और प्रोडक्शन वैल्यू
यह फिल्म सिर्फ अपनी पटकथा और कहानी पर निर्भर नहीं है। सबसे बड़ी बात है फिल्म का स्केल, बजट और प्रोडक्शन वैल्यू।निर्माताओं ने बहुत मेहनत की है। उन्होंने एक भव्य कैनवास पर सिनेमा देने की कोशिश की है। वे इसमें पूरी तरह सफल हुए हैं।“Empuran” की दुनिया को एक राज्य से उठाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाया गया है। वहां कहानी को स्थापित किया गया है। वहां कहानी को पटकथा के साथ मिलाया गया है। यह इतना खूबसूरत लगता है कि आपका दिल जीत लेता है।
शानदार सिनेमैटोग्राफी
कुछ शॉट्स ऐसे हैं जो इतने खूबसूरती से फिल्माए गए हैं। आप कहेंगे कि यह कोई भारतीय या मलयालम सिनेमा की फिल्म नहीं। यह कोई अंतरराष्ट्रीय फिल्म है। यह कोई हॉलीवुड की फिल्म है।
सिनेमैटोग्राफर ने कुछ शॉट्स बहुत प्यारे तरीके से उतारे हैं। ड्रोन शॉट्स और वाइड एंगल शॉट्स फिल्म की खूबसूरती को बढ़ाते हैं। कुछ स्लो मोशन शॉट्स हैं जो किरदारों को स्थापित करने के लिए दिए गए हैं। मुख्य अभिनेताओं के शॉट्स बहुत ही शानदार से फिल्माए गए हैं।
एक्शन सीन्स और साउंड
जब इतनी बड़ी फिल्म बनती है, जो गैंगस्टर ड्रामा होता है, तो सबसे महत्वपूर्ण बात होती है कि एक्शन सीन्स को कैसे शूट किया गया है। इस फिल्म में जो हथियार इस्तेमाल किए गए हैं, वे अंतरराष्ट्रीय लगते हैं। ऐसा लगता है कि उन्हें बाहर से मंगवाया गया हो।
स्टूडियो के अंदर जो काम किया गया है, वह शानदार है। हथियारों की आवाज, गाड़ी की आवाज, टैंकर की आवाज, हेलिकॉप्टर की आवाज – सभी चीजों का साउंड काम अव्वल दर्जे का है। पृथ्वीराज सुकुमारन ने कहा था कि एक-एक पैसा फिल्म की मेकिंग पर लगाया गया है। और यह चीज आपको दिखती है।

कलाकारों का अभिनय
अब बात करते हैं स्टार कास्ट के प्रदर्शन की। मंजू वारियर और टोविनो थॉमस ने जबरदस्त काम किया है। लेकिन जब-जब पृथ्वीराज सुकुमारन स्क्रीन पर आते हैं, तो आपका दिल धक-धक करने लगता है। आप सोचते हैं कि अब क्या होने वाला है। वे कौन-सा नया धमाका करेंगे?उनका किरदार इस तरह से लिखा गया है। उन्होंने अपने किरदार को जिस तरह से निभाया है, वह माइंड ब्लोइंग है। आपका दिमाग कहेगा कि स्क्रीन पर क्या चल रहा है।
मोहनलाल सर को जिस तरह से प्रस्तुत किया है, वह बेहद खास है। कई चीजें आउट ऑफ द बॉक्स हैं। कई चीजें आउट ऑफ द सिलेबस हैं। ये चीजें आपने नहीं सोची होंगी।अंतरराष्ट्रीय कलाकारों को भी पटकथा में अच्छी तरह से शामिल किया है। कहानी को बड़े स्तर पर ले जाया गया है। “लूसिफर” की दुनिया को उन्होंने जिस तरह से दिखाया है, वह अद्भुत है। ऐसा सिनेमा आपने आज तक नहीं देखा होगा। मलयालम सिनेमा में तो बिल्कुल नहीं। बड़ी-बड़ी बॉलीवुड और तेलुगु सिनेमा में भी, इस तरह की फिल्म बनाना आसान नहीं है। मेकर्स को सलाम है कि उन्होंने ऐसी कहानी लिखी है।

बॉलीवुड और तेलुगु सिनेमा के साथ तुलना
इस फिल्म में बॉलीवुड की झलक मिलती है। यहां पर एपिक, मैग्नम ओपस चीजें सामने आती हैं।
एक बात कहूंगा कि तेलुगु वालों ने पिछली बार “लूसिफर” का रीमेक किया था। “गॉडफादर” बनाकर उसे बर्बाद कर दिया था। मेरी सलाह है कि इस फिल्म का रीमेक न करें। वरना वे इसे भी बर्बाद कर देंगे।
रेटिंग और अंतिम फैसला
मैं इस फिल्म को 5 में से 4 स्टार देना चाहूंगा। और ये स्टार पृथ्वीराज सुकुमारन के निर्देशन के लिए हैं। सर, आपने लाजवाब काम किया है। धन्यवाद, आपने हमें इतना मजबूत सिनेमा दिया है।अगर आप अच्छी एक्शन और स्टोरीलाइन वाली फिल्म देखना चाहते हैं, तो “L2: Empuran” जरूर देखें। यह आपको निराश नहीं करेगी।
दिनेश सैनी की इस समीक्षा के अनुसार, “Empuran” अपनी हाइप और एडवांस बुकिंग के बिल्कुल लायक है। यह मलयालम सिनेमा का एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगी।