Nagpur Violence Update: नागपुर में औरंगजेब की कब्र को लेकर हुई हिंसा के बाद शहर में तनाव का माहौल है। गुरुवार को हुई झड़पों के बाद पुलिस ने कर्फ्यू लगा दिया और इंटरनेट सेवाएं रोक दी थीं, जिसे शुक्रवार सुबह बहाल कर दिया गया। अब तक 50 से ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, हिंसा में शामिल गुटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया गया है।
क्या हुआ था नागपुर में?
घटना की शुरुआत औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद से हुई। बुधवार को विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इस कब्र को हटाने के लिए प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि औरंगजेब का स्मारक “भारत की गुलामी का प्रतीक” है। हालांकि, प्रदर्शन के बाद अचानक अफवाह फैली कि मुस्लिम समुदाय की पवित्र किताब को जलाया गया है। इसके बाद स्थिति बिगड़ गई और दो समुदायों के बीच झड़पें शुरू हो गईं।
एक आंखों देखे हालात बताने वाले ने कहा, “200-300 लोगों का एक समूह अचानक पत्थरबाजी करने लगा। उन्होंने घरों और गाड़ियों को निशाना बनाया। कुछ लोग मास्क पहने हुए थे और पेट्रोल बम भी इस्तेमाल किए गए।” स्थानीय लोगों का दावा है कि हिंसा करने वाले ज़्यादातर बाहरी थे और उन्होंने पहले से योजना बनाकर हमला किया।
पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई
हिंसा भड़कने के बाद पुलिस ने कड़ी कार्रवाई शुरू की। 4 डीसीपी समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए, लेकिन उन्होंने भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने इस घटना को “साजिश” बताते हुए कहा, “यह पूरी तरह से प्लानिंग के तहत किया गया था। दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।” वहीं, सीएम देवेंद्र फडणवीस ने हिंसा की निंदा करते हुए शांति बहाल करने का आश्वासन दिया।
नागपुर पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। वीएचपी कार्यकर्ताओं पर भी मामला दर्ज किया गया है। फिलहाल, प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जारी है और पुलिस की टीम्स लगातार गश्त कर रही हैं।
जमात-ए-इस्लामी हिंद का सरकार पर गुस्सा
मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है। संगठन के उपाध्यक्ष मलिक मोतासिम खान ने कहा, “सरकार ने हालात को संभालने में पूरी तरह विफलता दिखाई है। पुलिस को उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो इतिहास को हथियार बनाकर समाज में नफरत फैला रहे हैं।” उन्होंने नागपुर के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि “एकता ही ऐसे मौकों पर सबसे बड़ा जवाब है।”
इमाम ने दी शांति की अपील
ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख उमर अहमद इलियासी ने कहा, “रमजान के पवित्र महीने में हिंसा देश के लिए नुकसानदायक है। मुस्लिम समुदाय को धैर्य बनाए रखना चाहिए।” उन्होंने आरोप लगाया कि “बाहरी ताकतें शांति भंग करने की कोशिश कर रही हैं।”
VHP ने क्या कहा?
VHP के नेता विनोद बंसल ने आरोप लगाया कि “प्रदर्शन के बाद कुछ कट्टरपंथियों ने झूठी अफवाह फैलाकर हिंसा भड़काई।” उन्होंने कहा, “हमारा प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण था। औरंगजेब की कब्र हटाना हमारा अधिकार है, क्योंकि वह भारत का शोषक था।”
स्थानीय लोगों की परेशानी
हिंसा से प्रभावित इलाकों के निवासी डरे हुए हैं। एक शख्स ने बताया, “मोबाइल नेटवर्क बंद होने से परिवारजनों से बात नहीं हो पा रही थी। कई लोगों के घरों की खिड़कियां टूट गईं और गाड़ियां जला दी गईं।” कुछ लोगों ने पुलिस की प्रतिक्रिया को धीमा बताया, जबकि अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने तुरंत स्थिति काबू कर ली।
अब क्या है हालात?
फिलहाल, नागपुर के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। Police Commissioner ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। शुक्रवार को स्कूल-कॉलेज बंद रखे गए हैं और सार्वजनिक जगहों पर जमावड़ा निषेध है। प्रशासन का कहना है कि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं, लेकिन सतर्कता जारी रखी गई है।
क्यों ज़रूरी है शांति?
यह घटना पूरे देश के लिए चिंता का विषय है। महाराष्ट्र सरकार और केंद्र दोनों पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या वे सांप्रदायिक तनाव रोकने में सक्षम हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाएं समाज के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाती हैं।
Nagpur Violence Update के तहत हम लगातार नई जानकारियां जोड़ रहे हैं। पाठकों से अनुरोध है कि वे शांति बनाए रखें और प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें।