शुक्रवार, 28 मार्च 2025, लखनऊ। गर्मी की छुट्टियाँ आ रही हैं, लेकिन इस बार UP के सरकारी स्कूलों में छुट्टियाँ थोड़ी अलग होंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग ने एक नई पहल शुरू की है।
क्या होगा छुट्टियों के दौरान?
UP के सभी परिषदीय स्कूलों में 20 मई से 15 जून तक समर कैंप लगाए जाएंगे। यह समर कैंप हर दिन सुबह डेढ़ घंटे तक चलेंगे। इन समर कैंप का मुख्य उद्देश्य बच्चों को गर्मी की छुट्टियों में भी शिक्षा और मनोरंजक गतिविधियों से जोड़े रखना है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह फैसला बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए लिया है। पहले तो यह सुविधा सिर्फ निजी स्कूलों में ही मिलती थी। लेकिन अब सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी यह मौका मिलेगा।
कौन-सी गतिविधियाँ होंगी?
इन समर कैंप में क्या-क्या होगा? कैंप में फाउंडेशनल लिट्रेसी और न्यूमेरेसी पर आधारित गतिविधियाँ होंगी। बच्चों को खेल-खेल में पढ़ाई कराई जाएगी। उनके जीवन कौशल और व्यक्तित्व विकास पर भी ध्यान दिया जाएगा।
इसके अलावा, योग, खेलकूद, विज्ञान-तकनीक आधारित प्रयोग भी कराए जाएँगे। बच्चों को कला और संस्कृति से भी जोड़ा जाएगा। पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए भी कई गतिविधियाँ होंगी।
स्कूलों की तैयारी
बच्चों को भूखा भी नहीं रहना पड़ेगा। समर कैंप में बच्चों को सप्लीमेंट्री न्यूट्रीशन भी दिया जाएगा। इसमें गुड़ की चिक्की, बाजरे का लड्डू, रामदाना लड्डू, गुड़-चना और लैया पट्टी जैसी पौष्टिक खानपान की चीजें शामिल हैं।
समर कैंप का संचालन शिक्षामित्र, अनुदेशक और स्कूल के शिक्षकों की देखरेख में होगा। बेसिक शिक्षा विभाग इस पूरे कार्यक्रम पर लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च करेगा। यह बच्चों के शैक्षिक विकास के लिए एक बड़ा कदम है।
क्यों लिया गया यह निर्णय?
इन समर कैंप का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि बच्चों की छिपी प्रतिभा को निकालने का मौका मिलेगा। उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा। वे गर्मी की छुट्टियों में भी कुछ नया सीखते रहेंगे।
समर कैंप चयनित स्कूलों में ही होंगे। ब्लॉक स्तर पर कुछ स्कूलों को चुना जाएगा। वहाँ आसपास के सभी बच्चे आ सकते हैं। समर कैंप में आना बच्चों की मर्जी पर निर्भर करेगा। कोई जबरदस्ती नहीं होगी।
क्या यह अनिवार्य है?
इस पहल से सरकारी स्कूलों के बच्चों को भी निजी स्कूलों जैसी सुविधा मिलेगी। अब तक ऐसे समर कैंप सिर्फ निजी स्कूलों में ही होते थे। लेकिन अब सरकारी स्कूलों के बच्चे भी इसका लाभ उठा सकेंगे।
शिक्षक संगठनों ने भी इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे बच्चों के सीखने की गति में सुधार होगा। गर्मी की छुट्टियों में अक्सर बच्चे जो सीखा होता है, उसे भूल जाते हैं। इस तरह के कैंप से वे जुड़े रहेंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से बच्चों की पढ़ाई का स्तर सुधरेगा। उन्हें नई चीजें सीखने का मौका मिलेगा। उनका समय भी अच्छे से बीतेगा।
अभिभावकों की क्या राय है?
माता-पिता भी इस पहल से खुश हैं। उनका कहना है कि गर्मी की छुट्टियों में बच्चे अक्सर मोबाइल फोन और tv में ही समय बिताते हैं। अब वे कुछ समय स्कूल में भी बिताएंगे और कुछ नया सीखेंगे।
इस तरह UP सरकार ने एक नई पहल की है। गर्मी की छुट्टियों में भी बच्चों का सीखना जारी रहेगा। उनकी प्रतिभा को निखारने का मौका मिलेगा। यह निश्चित रूप से बच्चों के भविष्य के लिए अच्छा कदम है।