Dark Matter Star की खोज: हाल ही में जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप ने एक ऐसी खोज की है, जिसने वैज्ञानिकों को चौंका दिया है। इस टेलिस्कोप ने एक ऐसे स्टार को डिटेक्ट किया है, जो डार्क मैटर से बना हुआ हो सकता है। यह एक अनोखा तारा है, जिसे हम देख नहीं सकते, लेकिन उसके प्रभावों को महसूस कर सकते हैं।
Dark Matter Star: एक अदृश्य रहस्य
डार्क मैटर एक ऐडार्क मैटर वह पदार्थ है, जो न तो प्रकाश को अवशोषित करता है और न ही उसे परावर्तित करता है। इसका यही एक कारन हे जो हम इसको सीधे तरीके से देख नहीं सकते इस लिए इसको देखना बड़ा असंभव है। वैज्ञानिकों को ने इसकी मौजूदगी का पता भी केवल गुरुत्वाकर्षण के प्रभावों से चलता है।सा पदार्थ है, जो न तो प्रकाश को अवशोषित करता है और न ही उसे परावर्तित करता है। यही कारण है कि इसे सीधे तौर पर देखना असंभव है। वैज्ञानिकों को इसके अस्तित्व का पता केवल गुरुत्वाकर्षण के प्रभावों से चलता है।
करीब 90 साल से वैज्ञानिक इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। क्या यह खोज इस पहेली को हल कर सकती है? और क्या डार्क मैटर ने ब्रह्मांड के पहले सितारों और ब्लैक होल्स को जन्म दिया था?

बिग बैंग और डार्क मैटर का संबंध
ब्रह्मांड की उत्पत्ति बिग बैंग से हुई थी। इसके तुरंत बाद, हाइड्रोजन परमाणु बनने लगे। लेकिन ब्रह्मांड तेजी से फैल रहा था और ठंडा हो रहा था। सिर्फ 20 मिनट बाद, ब्रह्मांड की ऊर्जा इतनी कम हो गई कि हाइड्रोजन का संलयन (fusion) रुक गया।
लेकिन आज हम जानते हैं कि सितारे मौजूद हैं। तो आखिर क्या चीज थी जिसने सितारों के निर्माण को शुरू किया?
Dark Matter Star की भूमिका
वैज्ञानिकों को गणनाओं में एक गैप मिला। परिणाम सुसंगत नहीं थे। इसलिए उन्होंने यह अनुमान लगाया कि कोई विशेष प्रकार का पदार्थ मौजूद था, जिसने शुरुआती ब्रह्मांड में हाइड्रोजन परमाणुओं को संलयन के लिए पर्याप्त ऊर्जा दी। यही पदार्थ डार्क मैटर कहलाया।
डार्क मैटर का सबसे बड़ा दोस्त गुरुत्वाकर्षण है। यह किसी भी अन्य कण के साथ सीधे संपर्क नहीं करता, लेकिन गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से प्रभाव डालता है।
डार्क मैटर स्टार्स की खोज
1930 के दशक में वैज्ञानिकों ने पहली बार डार्क मैटर के प्रभावों को देखा। 1980 के दशक में, कुछ वैज्ञानिकों ने यह सिद्धांत दिया कि डार्क मैटर भी बिग बैंग के समय ही बना था।
डार्क मैटर के कणों को WIMP (Weakly Interacting Massive Particles) कहा जाता है। ये कण जब एक झगह आके झुण्ड बनाते है, तो वे नार्मल पदार्थ को गुरुत्वाकर्षण के माध्यम से अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
ब्लैक होल्स और डार्क मैटर
हाल ही में, वैज्ञानिकों ने यह पाया कि हमारी मिल्की वे गैलेक्सी के केंद्र में मौजूद सुपरमैसिव ब्लैक होल (Sagittarius A) भी डार्क मैटर से बना हो सकता है।
ब्लैक होल तैयार होने के लिए एक तारे को पहले सुपरनोवा विस्फोट में फटना पड़ता है। फिर, वह लाखों वर्षों में वह एक ब्लैक होल में बदल जाता है। लेकिन यह सोचने की बात है की Sagittarius A सिर्फ 270 मिलियन वर्षों में बन के तैयार हो गया।

कैथरीन फ्रीज की टीम का मॉडल
इस खोज के बाद, कैथरीन फ्रीज और उनकी टीम ने डार्क मैटर स्टार्स के निर्माण का एक सैद्धांतिक मॉडल बनाया।
इस मॉडल के अनुसार, डार्क मैटर स्टार्स में डार्क मैटर के साथ-साथ हाइड्रोजन और हीलियम भी होते हैं।
जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप की खोज
इससे पिछले वर्ष, हमारी गैलेक्सि में जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने 13.4 से 13.6 अरब वर्ष पुरानी तीन आकाशगंगाओं को ढूढ़ लिया था।
कैथरीन और उनकी टीम ने यह अनुमान लगाया कि ये गैलेक्सियां नहीं, बल्कि डार्क मैटर स्टार्स हैं।

क्या यह खोज सही है?
कैथरीन ने एक सॉफ्टवेयर मॉडल बनाया, जिसमें उन्होंने इन सितारों की विशेषताओं को डाला।
उन्होंने जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप के डेटा को इस मॉडल से तुलना की।
परिणामों में समानता मिली। इसका मतलब था कि Dark Matter Star वास्तव में मौजूद हो सकते हैं।
अभी भी कई सवाल बाकी हैं
हालांकि यह खोज रोमांचक है, लेकिन वैज्ञानिकों को अभी भी कई सवालों के जवाब देने हैं।
क्या Dark Matter Star वास्तव में ब्रह्मांड में मौजूद हैं? क्या वे ब्लैक होल्स के निर्माण में भूमिका निभाते हैं?
यह खोज ब्रह्मांड की सबसे बड़ी पहेली को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।