दौसा, 3 अप्रैल 2025: आज सुबह लालसोट में गिरधारी महाराज मंदिर की जमीन को बचाने के लिए सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। मंदिर माफी जमीन को भू-माफिया से बचाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष एकत्रित हुए। उन्होंने शहर में एक विशाल जुलूस निकाला। इस जुलूस में गिरधारी महाराज के चित्र लेकर और तख्तियां, बैनर थामकर लोगों ने जोरदार नारेबाजी की। इस जुलूस में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं।
जनता का आक्रोश सड़कों पर
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि लालसोट में कुछ भू-माफिया सक्रिय हो गए हैं। वे मंदिर की कीमती जमीनों पर अवैध कब्जा कर रहे हैं। लोगों के अनुसार, स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के कारण यह समस्या बढ़ती जा रही है। झरंडा चौक पर जुलूस रुका, जहां पर कुछ देर में रामधुनी भी की जानेवाली थी।
एक स्थानीय निवासी रमेश शर्मा ने बताया, “हम अपने मंदिर की जमीन को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। यह हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर है। हमें अफसोस है कि प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।”
मंदिर की जमीन का मामला
पुरोहित पाड़ा स्थित गिरधारी महाराज मंदिर की कुल 41 बीघा मंदिर माफी जमीन है। स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं का आरोप है कि कुछ तथाकथित पुजारी और भू-माफिया मिलकर इसमें से 19 बीघा जमीन को अवैध रूप से अपने नाम करवा चुके हैं। अब वे शेष जमीन पर भी कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं।
जुलूस में शामिल सुनीता देवी ने कहा, “हम हर दिन देख रहे हैं कि कैसे हमारे मंदिर की जमीन पर धीरे-धीरे कब्जा होता जा रहा है। अब हमने चुप रहना छोड़ दिया है। अगर अभी नहीं बोलेंगे तो कल हमारे बच्चों के लिए कुछ नहीं बचेगा।”
लोगों की मांग
प्रदर्शनकारियों की मांग है कि प्रशासन तुरंत मंदिर की सारी जमीनों का सर्वे करवाए। जो लोग अवैध रूप से जमीन पर कब्जा कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। लोगों का कहना है कि मंदिर की संपत्ति समाज की संपत्ति होती है, और इसकी रक्षा होनी चाहिए।
जुलूस में शामिल रामलाल गुर्जर ने बताया, “हमने कई बार शिकायत की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। आज हम सब एकजुट होकर आए हैं। हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं।”
प्रशासन से गुहार
जुलूस के बाद सभी प्रदर्शनकारी एसडीएम कार्यालय पहुंचे। वहां उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही, मंदिर की सभी जमीनों का रिकॉर्ड दुरुस्त किया जाए।
स्थानीय नेता मोहन सिंह ने कहा, “यह सिर्फ एक मंदिर की जमीन का मामला नहीं है। यह हमारी आस्था और संस्कृति का मामला है। अगर आज हम चुप रहे तो कल और मंदिरों की जमीन भी इसी तरह हड़प ली जाएगी।”
प्रदर्शनकारियों की चेतावनी
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रख रहे हैं। लेकिन अगर हमारी सुनवाई नहीं हुई तो हम धरना-प्रदर्शन करेंगे।”
लालसोट के अन्य मंदिरों की स्थिति
लालसोट के अन्य मंदिरों की स्थिति भी चिंताजनक बताई जा रही है। कई मंदिरों की जमीन पर धीरे-धीरे कब्जा किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए और सभी मंदिरों की जमीन का सर्वे करवाना चाहिए।
SDM ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि वे मामले की जांच करवाएंगे और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन लोगों का कहना है कि वे सिर्फ आश्वासन नहीं, ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद कर रहे हैं।
इस प्रदर्शन से साफ हो गया है कि लालसोट के लोग अपनी धार्मिक संपत्ति की रक्षा के लिए एकजुट हैं। वे भू-माफिया के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।