Sikandar Movie Review: 30 मार्च 2025, रविवार को रिलीज हुई सलमान खान की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘Sikandar’ आखिरकार थिएटर्स में आ चुकी है। मैंने सुबह-सुबह आठ बजे का शो देखा। इतना इंतज़ार करने के बाद, आइए जानते हैं कि कैसी है यह फिल्म।
सलमान का दमदार अंदाज़
भाई जान की हर फिल्म की तरह, इस बार भी फैमिली फ्रेंडली कंटेंट परोसने में वो कामयाब हुए हैं। सलमान का ऐसा जादू है कि उनके फैंस उन्हें हमेशा पसंद करेंगे। इस फिल्म में तो उन्हें और भी ज्यादा लार्जर दैन लाइफ दिखाया गया है। कभी-कभी तो विश्वास करना मुश्किल हो जाता है।
कहानी क्या है?
यह फिल्म भी सलमान की अन्य फिल्मों की तरह मास और फैमिली ऑडियंस के लिए बनाई गई है। इसमें एक्शन, रोमांस, इमोशन और सामाजिक संदेश हैं। कहानी संजय राजकोट (सलमान खान) की है। वह राजकोट के आखिरी जीवित राजकुमार हैं। वे अपनी पत्नी सैश्री (रश्मिका मंदाना) के साथ शाही अंदाज में रहते हैं।
शुरुआत अच्छी, फिर…
फिल्म की शुरुआत काफी अच्छी है। प्रतीक बब्बर वाले सीन में सलमान की एंट्री शानदार है। यह सीन पूरी स्टोरीलाइन को जोड़ता है। लेकिन जब स्टोरी आगे बढ़ती है, तब महसूस होता है कि कहानी धीमी है। बिल्ड-अप में ज्यादा समय लेती है। कई सीन बिल्कुल विश्वसनीय नहीं लगते। कुछ सीन आसानी से हटाए जा सकते थे।
एक्शन की बात
इन सब के बीच, सलमान के एक्शन सीन बहुत अच्छे हैं। सभी लड़ाई के दृश्य रचनात्मक तरीके से दिखाये गए हैं। देख सकते हैं कि कैमरा मूवमेंट ज्यादा है ताकि ऐसा लगे कि सलमान बहुत बड़ा एक्शन कर रहे हैं। इसे ट्रिक एक्शन कोरियोग्राफी कहा जा सकता है। इसके कारण हर एक्शन सीन बड़े पर्दे पर अच्छा लगता है।
रश्मिका का रोल और केमिस्ट्री
लेकिन अन्य पहलुओं का क्या? रश्मिका का रोल जितना भी है, बहुत फ्लैट लगता है। सलमान और रश्मिका के बीच वो केमिस्ट्री महसूस नहीं होती। फिल्म में रश्मिका की मौत के बाद का प्लॉट थोड़ा अजीब लगता है। उसके अंग मुंबई के तीन लोगों को दान किए जाते हैं। सलमान उनसे मिलने जाते हैं।
फिल्म की लंबाई और कॉमेडी
मूवी की लंबाई ढाई घंटे की है, जो ठीक है। लेकिन तभी जब कहानी सहज तरीके से आगे बढ़ती रहे। फिल्म में थोड़ी-बहुत कॉमेडी है, जिसमें हंसी नहीं आती। पूरी फिल्म में दर्शकों को बांधे रखने में नाकाम रहती है।
सत्यराज का वेस्ट किरदार
हमारे ‘कट्टप्पा’ सत्यराज सर का किरदार ऐसा नहीं लिखा गया कि वो प्रभावशाली लगे। ऐसा लगता है कि उन्हें बस एक कैमियो रोल दिया गया। वे कैमरे के सामने आते हैं, आक्रामकता दिखाते हैं, बस खत्म। वो भी जबरदस्ती।
हीरो-विलेन का फॉर्मूला
हीरो आता है, विलेन को मारता है, विलेन का रोल वहीं खत्म हो जाता है। मेरा मतलब है कि यह पूरी तरह सलमान ओरिएंटेड मूवी है, न कि किरदार और कहानी ओरिएंटेड। कंटेंट की बात तो भूल ही जाइए।
गाने और सामाजिक संदेश
गानों की बात करें तो वे अचानक से आते हैं। एक सीन खत्म होता है, दूसरे सीन में गाना शुरू हो जाता है। कोई कनेक्शन नहीं। हां, फिल्म में महिला सशक्तिकरण और अंगदान के बारे में दिए गए संदेश अच्छे थे।
प्लॉट में दम था
कहानी में दम था, मुरुगदॉस के निर्देशन में भी दम था। फिर भी कहीं न कहीं कमी महसूस होती है। कई दिक्कतों के बारे में बताकर मैं आपका मूड खराब नहीं करना चाहता। क्योंकि यह फिल्म पूरी तरह से सलमान खान और उनके आकर्षण के बारे में है। इस आकर्षण को केवल उनके कट्टर फैंस ही समझ सकते हैं।
ट्रेलर से ज्यादा उम्मीदें
जिस तरह से इसका टीजर-ट्रेलर आया था, फिल्म ने उम्मीदें बढ़ा दी थीं। लगा कि सलमान भाई का कमबैक हो गया है। सलमान तो ठीक हैं, लेकिन अन्य पहलू उतने अच्छे नहीं हैं।
Sikandar Movie Review: बॉक्स ऑफिस पर कैसी है शुरुआत?
बॉक्स ऑफिस पर ‘Sikander’ की शुरुआत शानदार रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म ने पहले ही दिन शाम 4:40 बजे तक 15.11 करोड़ रुपये कमा लिए थे। यह फिल्म 200 करोड़ रुपये के बजट में बनी है।
फिल्म देखने के बाद दिल टूट गया। यह मेरे लिए बहुत साधारण फिल्म है। कुल मिलाकर मेरी तरफ से 2.5 स्टार (5 में से)
अगर आप सलमान खान के बड़े फैन हैं, तो आप इस फिल्म का आनंद ले सकते हैं।