Karauli News:13 अप्रैल 2025 (रविवार) आज हिण्डौनसिटी के Shri Mahavir Ji क्षेत्र में भगवान महावीर स्वामी के वार्षिक लक्खी मेले का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वर्ण मंडित रथ पर भगवान जिनेंद्र की रथयात्रा निकाली गई, जिसमें श्रद्धालुओं का विशाल सैलाब उमड़ पड़ा।
राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने जैन ध्वज दिखाकर रथ यात्रा को रवाना किया। हिण्डौन के SDM और कमेटी अध्यक्ष इस रथ के सारथी बने। भगवान जिनेन्द्र के गगनभेदी जयकारों से पूरा आकाश गुंजायमान हो उठा। लाखों की संख्या में श्रद्धालु इस मेले में शिरकत कर रहे हैं।
भगवान महावीर का 2624वां जन्मकल्याणक महोत्सव
विश्व प्रसिद्ध दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र Shri Mahavir Ji में जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का 2624वां जन्मकल्याणक महोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। महोत्सव की शुरुआत भगवान महावीर स्वामी के प्रक्षाल, अभिषेक और शांतिधारा से हुई।
मेले का आयोजन 7 अप्रैल से शुरू हुआ था। एक सप्ताह से चल रहे इस मेले में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। प्रतिदिन भगवान महावीर स्वामी के मंदिर में सामूहिक पूजा, सामूहिक आरती, शास्त्र प्रवचन और भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है।
दिनभर के धार्मिक कार्यक्रम
आज सुबह Shri Mahavir Ji के कटला प्रांगण से प्रभात फेरी निकाली गई। इसके बाद मंदिर में धार्मिक परंपरा के अनुसार झंडारोहण किया गया। श्री वीर संगीत मंडल, जयपुर के सहयोग से चरंचिन छत्री पर कटला पश्चिमी पांडाल में सामूहिक पूजा का आयोजन किया गया।
उपजिला कलेक्टर हेमराज गुर्जर और प्रबंध कार्यकानी कमेटी अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल ने मेले का निरीक्षण किया। दोपहर में कलशाभिषेक के बाद एक विशेष प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया गया।

समाज सेवा के कार्य
इस अवसर पर समाज सेवा के विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। स्कूली बच्चों को मिठाई के मोदक बांटे गए। स्थानीय अस्पताल में मरीजों और हिण्डौन जेल में बंदियों को फल वितरित किए गए।
एक समारोह में दिव्यांगजनों को ट्राईसाइकिल, कृत्रिम अंग, बैसाखी, और कैलीपर्स दिए गए। असमर्थ और विधवा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई मशीनें वितरित की गईं।
भव्य रथयात्रा
दोपहर बाद भगवान महावीर की भव्य रथयात्रा का आयोजन किया गया। स्वर्ण से सजे रथ पर विराजमान भगवान महावीर की प्रतिमा को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।
उन्होंने पारंपरिक तरीके से जैन ध्वज लहराकर रथयात्रा को रवाना किया। हिण्डौन के एसडीएम और प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष ने भगवान महावीर के रथ के सारथी की भूमिका निभाई। रथयात्रा के दौरान पूरे मार्ग पर भक्तों ने फूल और अक्षत बरसाकर भगवान का स्वागत किया।

Shri Mahavir Ji सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला
शाम को सामूहिक आरती और शास्त्र प्रवचन के बाद, श्री महावीर जी स्थित दिगंबर जैन आदर्श महिला महाविद्यालय की छात्राओं ने कटला पूर्वी पांडाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
राजस्थान सरकार के पर्यटन, कला एवं संस्कृति विभाग के सौजन्य से राजस्थानी सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया गया। इसमें स्थानीय कलाकारों ने राजस्थानी लोक नृत्य और गीत प्रस्तुत किए।
हिण्डौन सिटी में शोभायात्रा
हिण्डौन सिटी में भी भगवान महावीर के जन्मकल्याणक के उपलक्ष्य में जैन समाज ने भव्य शोभायात्रा निकाली। यह शोभायात्रा वर्धमान नगर स्थित जैन स्थानक से प्रारंभ हुई।
शोभायात्रा स्टेशन रोड, नई मंडी, मोहन नगर, श्वेतांबर स्थानक, अस्पताल चौराहा होते हुए आगे बढ़ी। फिर मनीराम पार्क, शीतला चौराहा, डेम्प रोड और कटरा बाजार होते हुए केशवपुरा स्थित प्राचीन जैन मंदिर पर संपन्न हुई।
यात्रा मार्ग पर अनेक स्थानों पर सुंदर स्वागत द्वार सजाए गए थे। इन स्थानों पर स्थानीय श्रद्धालुओं ने शीतल पेय, ठंडाई, फल और शर्बत से यात्रियों का स्वागत किया।
‘जियो और जीने दो’ का संदेश
शोभायात्रा में भगवान महावीर की सुंदर प्रतिमा को विशेष रूप से सजाया गया था। यात्रा में बैंड-बाजे, डीजे और घुड़सवार भी शामिल थे। हजारों की संख्या में महिलाएं, पुरुष और युवा इस शोभायात्रा में शामिल हुए।
इस अवसर पर जैन समाज ने ‘जियो और जीने दो’ के भगवान महावीर के आदर्श को अपनाने का संदेश दिया। समाज के लोगों ने गौशाला में गायों को हरा चारा खिलाया। साथ ही वृद्धाश्रम में बुजुर्गों को फल और वस्त्र वितरित कर सेवा कार्य किए।
मेले की विशेषताएं
लक्खी मेला श्री महावीर जी क्षेत्र का सबसे प्रसिद्ध वार्षिक मेला है। इस मेले में राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं। मेले में धार्मिक गतिविधियों के अलावा हस्तशिल्प, स्थानीय व्यंजन और मनोरंजन के स्टॉल भी लगाए गए हैं।
इस वर्ष विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मेले क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष पार्किंग और पेयजल की व्यवस्था की गई है।
मेले का ऐतिहासिक महत्व
Shri Mahavir Ji का लक्खी मेला सदियों से मनाया जा रहा है। यह मेला भगवान महावीर के जन्मकल्याणक की स्मृति में मनाया जाता है। महावीर स्वामी का जन्म चैत्र शुक्ल त्रयोदशी को हुआ था। जैन परंपरा के अनुसार, इस दिन को महावीर जयंती के रूप में मनाया जाता है।
जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर ने अहिंसा, सत्य और अपरिग्रह का संदेश दिया था। उनके उपदेश आज भी प्रासंगिक हैं। इस मेले के माध्यम से जैन समुदाय भगवान महावीर के सिद्धांतों का प्रचार-प्रसार करता है।
श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया
मेले में शामिल श्रद्धालुओं ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। जयपुर से आए रमेश जैन ने कहा, “हम हर साल इस मेले में शामिल होते हैं। यहां आकर हमें आध्यात्मिक शांति मिलती है।”
दिल्ली से आईं सविता जैन ने बताया, “भगवान महावीर के सिद्धांतों से हमें जीवन जीने की सही राह मिलती है। यहां का वातावरण बहुत पवित्र है।”
स्थानीय निवासी सुरेश कुमार ने कहा, “इस मेले से हमारे क्षेत्र की पहचान है। यह हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है।”
मेला 15 अप्रैल तक चलेगा। आने वाले दिनों में भी विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
(रिपोर्ट: दिनेश सैनी, न्यूज़ प्रदेश, करौली)