नई दिल्ली: पूर्व भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर Shaktikanta Das को शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे प्रिंसिपल सेक्रेटरी नियुक्त किया गया है। शक्तिकांत दास ने लगभग 6 वर्षों तक भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में काम किया है। पिछले साल दिसंबर में उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा करने के बादसेवा-निवृत्ति ले ली थी। अब सेवा-निवृत्ति के कुछ महीनों बाद ही उन्हें एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
वर्तमान में प्रमोद कुमार मिश्रा (PK मिश्रा) प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी-1 हैं। उनके साथ अब शक्तिकांत दास प्रिंसिपल सेक्रेटरी-2 की भूमिका में देख ने को मिलेंगे। शक्तिकांत दास 1980 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं।
कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने क्या कहा?
कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने कहा है, कि दास की नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल के साथ-साथ होगी या आगे के आदेश तक, जो भी पहले हो। ACC के आदेश में यह भी कहा गया कि वह डॉ. PK मिश्रा, प्रिंसिपल सेक्रेटरी टू द प्राइम मिनिस्टर-1 के साथ मिलकर काम करेंगे।
6 साल तक RBI गवर्नर रहे शक्तिकांत दास
शक्तिकांत दास दिसंबर 2018 से 6 वर्षों तक RBI के गवर्नर रहे। उनके पास शासन के विभिन्न क्षेत्रों में 40 वर्षो का लंबा-चौड़ा अनुभव है। उन्होंने वित्त, कर लगाना, उद्योग, बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में केंद्र और राज्य सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। अपने 6 साल के कार्यकाल के दौरान, दास ने RBI को कोविड-19 महामारी के आर्थिक परिणामों और रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव सहित कई महत्वपूर्ण चुनौतियों से उबरने में नेतृत्व प्रदान किया।
शक्तिकांत दास कौन हैं?
शक्तिकांत दास ने अपने 6 साल के RBI कार्यकाल के अंतिम 4 वर्षों में 7 प्रतिशत से अधिक आर्थिक विकास को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 1980 बैच के IAS अधिकारी दास राजस्व विभाग और आर्थिक मामलों के विभागो के सचिव भी रह चुके हैं। RBI से सेवा निवृत्ति के बाद उन्हें 15वें वित्त आयोग का सदस्य और भारत के G20 शेरपा के रूप में नियुक्त किया गया था। दास के पास लगभग 4 दशकों के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने का लंबा-चौड़ा अनुभव है।
शक्तिकांत दास के प्रमुख योगदान (Key Contributions of Shaktikanta Das)
1. दुनिया के शीर्ष बैंकर चुने गए:
शक्तिकांत दास को 2023-2024 में लगातार दो बार “World’s Top Central Banker” का खिताब मिल चुका है। अमेरिका की संस्था Global Finance ने उन्हें यह सम्मान महंगाई नियंत्रण, आर्थिक विकास, रुपये की स्थिरता, और ब्याज दर प्रबंधन में उत्तम प्रदर्शन के लिए दिया गया।
2. कोरोना और युद्ध के दौरान अर्थव्यवस्था संभाली:
RBI गवर्नर के रूप में Shaktikanta Das ने कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध, और इजराइल-हमास संघर्ष जैसे संकटों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर रखा। कोरोना काल में उन्होंने तरलता (लिक्विडिटी) बनाए रखने और उद्योगों को कर्ज़ राहत देने के लिए नई नीतियाँ बनाईं।
3. यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक को बचाया:
दास ने IL&FS संकट के दौरान NBFC क्षेत्र को गिरने से बचाया। साथ ही, यस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक को पूंजी की कमी से बचाया था और उन्हें दिवालिया होने से बचाया।
4. विकास के लिए रेपो रेट में बदलाव:
2018 में जब दास RBI गवर्नर बने, तब रेपो रेट 6.50% था। उन्होंने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए इसे घटाकर 4% कर दिया था। बाद में, महंगाई नियंत्रण के लिए 2024 तक इसे वापस 6.50% तक ले आए।
5. बैंकों का NPA घटाकर मुनाफ़ा बढ़ाया:
दास के कार्यकाल में बैंकों का नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) दिसंबर 2018 के 10.38% से घटकर सितंबर 2024 में 2.59% रह गया। साथ ही, बैंकों का मुनाफ़ा 2023 में 2.63 लाख करोड़ रुपए तक पहुँचा, जबकि 2018 में उन्हें 32,400 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।
शक्तिकांत दास: पृष्ठभूमि और अनुभव
दास 1980 बैच के IAS अधिकारी रह चुके हैं, और उन्होंने तमिलनाडु कैडर में काम किया है।
वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव के पद पर रहते हुए दास ने नोटबंदी (2016) और GST लागू करने में अहम भूमिका निभाई। दास 15वें वित्त आयोग के सदस्य रहे हैं और उन्होंने BRICS, IMF और SAARC सहित कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है।