28 मार्च 2025, शुक्रवार को मैं तेलुगु इंडस्ट्री से आई फिल्म “Robin Hood” देखने गया। इस फिल्म में नितिन को बहुत दिनों बाद बड़े पर्दे पर देखा। मैंने यह फिल्म ओरिजिनल तेलुगु भाषा में इंग्लिश सबटाइटल के साथ देखी। आइए जानते हैं कैसी है यह फिल्म।
कहानी
फिल्म की कहानी एक गरीब बच्चे की है। वह बचपन में ही समझ जाता है कि गरीब आदमी आखिर गरीब ही रह जाता है। वह आगे नहीं बढ़ पाता। फिल्म दिखाती है कि कैसे यह बच्चा बड़ा होकर “रॉबिन हुड” बन जाता है।
जैसे ही वह बड़ा होता है, उसकी जिंदगी में एक लड़की आ जाती है। फिर कहानी पलट जाती है। वह लड़की की सुरक्षा करने लगता है। लड़की अपने पुश्तैनी गांव जाने वाली होती है। अब वह लड़की कौन है और गांव में क्या होता है, यह आप फिल्म में देख सकते हैं।

मनोरंजन और कॉमेडी
फिल्म में बीच-बीच में कॉमिक सीन्स हैं। इससे फिल्म मनोरंजक बना रहता है। फिल्म का कॉन्सेप्ट अच्छा है। स्क्रीनप्ले भी अच्छी है। इस लिए फिल्म में बोर नहीं होते है।
प्रोडक्शन क्वालिटी
फिल्म का बजट 60 करोड़ रुपये है। यह प्रोडक्शन क्वालिटी में साफ दिखता है। सेट्स, एक्शन सीक्वेंस और विजुअल इफेक्ट्स अच्छे हैं। फिल्म अपना बजट कितना वसूल पाएगी, यह देखना बाकी है।
डेविड वॉर्नर का किरदार
फिल्म में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर डेविड वॉर्नर भी हैं। उनका फिल्म में सिर्फ कैमियो है। लेकिन वे मस्ती-मस्ती में ही अपना रोल करते नजर आते हैं। “पुष्पा” फिल्म की तरह उनका “झुकेगा नहीं” वाला एटिट्यूड दिखता है। लगता है इसी वजह से उन्हें यह रोल मिला है।
वॉर्नर का किरदार फिल्म में अजीब लगता है। वे सबको गोली मारते फिरते हैं। ज्यादा इसके बारे में नहीं बोलूंगा। कहीं मेरे पास भी कोई गोली न आ जाए!

फिल्म का समय और पहला-दूसरा हाफ
फिल्म लगभग ढाई घंटे की है। फिल्म का पहला हाफ बहुत अच्छा है। यह दर्शकों का ध्यान बांधे रखता है। लेकिन दूसरा हाफ कमजोर है। ऐसा लगता है जैसे निर्माताओं ने स्टोरीलाइन पूरी तरह से नहीं पढ़ी है।
दूसरे हाफ में कहानी बस चल रही होती है। पहले हाफ का मजबूत एटिट्यूड दूसरे हाफ में गायब हो जाता है।
फिल्म का प्रकार
Robin Hood एक “नो-ब्रेन एंटरटेनर” है। यानी आप जाओ, देखो, मजे करो और भूल जाओ। फिल्म में कुछ खास या “wow” मोमेंट्स नहीं हैं। कहानी बहुत प्रेडिक्टेबल है।
फिर भी, फिल्म के कॉमिक एलिमेंट्स अच्छे हैं। ये फिल्म को मजेदार बनाते हैं।
नितिन की एक्टिंग
नितिन की एक्टिंग थोड़ी फोर्सफुल लगती है। कुछ सीन्स में वे ओवरएक्टिंग करते नजर आते हैं। फिर भी, उनका किरदार मजबूत है।

विवादित गाना
फिल्म का एक गाना सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। लेकिन इसमें वल्गर डांस था। इसलिए थिएटर में इसे काटकर दिखाया गया है।
जब गाना आया और सीन कट हुआ, तो थिएटर में सभी लोग एक साथ बोल पड़े – “अरे यार, काट दिया।” मजा किरकिरा हो गया।
दर्शक प्रतिक्रिया
थिएटर में दर्शकों की संख्या ठीक-ठाक थी। न बहुत ज्यादा, न बहुत कम। लोगों ने फिल्म के एक्शन सीन्स और कॉमेडी को पसंद किया। लेकिन दूसरे हाफ में कई लोग बोर भी हुए।
हिंदी में उपलब्धता
फिल्म अभी तक हिंदी में रिलीज नहीं हुई है। इसलिए हिंदी भाषी दर्शकों के लिए इसे देखना या न देखना उनकी पसंद है।
तकनीकी पहलू
फिल्म के एक्शन सीक्वेंस अच्छे हैं। कैमरा वर्क भी अच्छा है। बैकग्राउंड म्यूजिक थोड़ा लाउड है, लेकिन एक्शन सीन्स में अच्छा लगता है।
निर्देशन
निर्देशक के काम में उतार-चढ़ाव है। पहला हाफ अच्छा निर्देशित है। लेकिन दूसरे हाफ में निर्देशन कमजोर लगता है। कई सीन्स बिना वजह लंबे हो गए हैं।
अन्य किरदार

फिल्म में अन्य कलाकारों ने भी अच्छा काम किया है। विशेष रूप से विलेन का किरदार अच्छा है। वह दर्शकों को अपने किरदार से प्रभावित करता है।
कुल मिलाकर, “Robin Hood” एक ठीक-ठाक फिल्म है। यह एक अच्छी एंटरटेनर है। फिल्म को 5 में से 2.5 स्टार दिए जा सकते हैं।
अगर आप हल्का-फुल्का मनोरंजन चाहते हैं, तो इसे देख सकते हैं। लेकिन अगर आप कुछ नया या गहरा देखना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए नहीं है।
फिल्म शायद घर पर TV पर परिवार के साथ देखने में ज्यादा अच्छी लगेगी। थिएटर में देखने के लिए यह अच्छी है, लेकिन जरूरी नहीं।