Rajasthan SI Paper Leak News: जयपुर, 1 जुलाई 2025 – राजस्थान पुलिस सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती 2021 को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। राजस्थान हाईकोर्ट में आज हुई सुनवाई में जस्टिस समीर जैन ने महत्वपूर्ण आदेश दिए हैं। राजस्थान सरकार ने कोर्ट को बताया है कि कैबिनेट सब-कमेटी ने भर्ती को रद्द न करने का फैसला लिया है। सरकार का कहना है कि SI भर्ती घोटाले की जांच सही दिशा में चल रही है और भर्ती को रद्द करना जल्दबाजी होगी। वहीं, हाईकोर्ट ने भी कहा है कि जांच पूरी होने तक कोई फैसला नहीं लिया जाएगा।
भर्ती रद्द न करने का फैसला और इसके पीछे के कारण
SI Recruitment (भर्ती) 2021 को लेकर लगातार दो गुटों में अभ्यर्थी बंटे हुए थे। एक गुट भर्ती रद्द करने की लगातार मांग कर रहा था। वहीं, selected अभ्यर्थियों के अभिभावक मांग कर रहे थे कि भर्ती को रद्द न किया जाए। उनका कहना था कि जिन लोगों ने ईमानदारी और मेहनत से परीक्षा पास की है, उनके साथ यह अन्याय होगा।
इसी को ध्यान में रखते हुए कैबिनेट सब-कमेटी ने यह निर्णय लिया है कि भर्ती परीक्षा को रद्द नहीं किया जाएगा। सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने 28 जून की कैबिनेट सब-कमेटी की रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में कहा गया कि फिलहाल मामले में जांच जारी है। जो लोग गिरफ्तार हुए हैं और दोषी पाए गए हैं, उनसे विस्तृत पूछताछ की जाए। उनकी पूछताछ के आधार पर आगे की कड़ियों तक पहुंचा जाए।
कमेटी ने यह भी माना है कि पिछली तीन भर्तियों और इस भर्ती में भौगोलिक स्थिति (किस क्षेत्र से कितने उम्मीदवार पास हुए) में कोई खास अंतर नहीं है। इससे यह नहीं कहा जा सकता कि किसी खास क्षेत्र के उम्मीदवारों को फायदा मिला हो। ऐसे में, यह माना गया कि जांच सही दिशा में चल रही है और फिलहाल भर्ती को नहीं छेड़ना चाहिए।
हालांकि, कमेटी ने यह भी कहा है कि जो दोषी पाए जाएंगे, उन्हें पदों से हटाया जाए। उनके रिक्त पदों को आगामी भर्तियों में जोड़ा जाए। साथ ही, दूसरे अभ्यर्थियों को आयु सीमा में छूट दी जाए और वे नए सिरे से पद भरें। लेकिन, चल रही भर्ती को रद्द न किया जाए।
Rajasthan SI Paper Leak News: अगली सुनवाई
Rajasthan SI Paper Leak News: हाईकोर्ट में आज की सुनवाई में सरकार और कोर्ट दोनों का रुख साफ नजर आया। कोर्ट ने कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया जाएगा। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख 7 जुलाई तय की है। इस दिन मामले पर अंतिम सुनवाई होगी। सभी पक्षों को इस दौरान अपनी पूरी तैयारी के साथ आने को कहा गया है, ताकि कोर्ट अंतिम निर्णय ले सके।
विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक बयानबाजी
इस पूरे मामले को लेकर लगातार विपक्ष द्वारा भी सरकार पर हमला बोला जा रहा था। विपक्ष लगातार भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहा था। इसे लेकर कई विरोध प्रदर्शन और धरने भी चले। हालांकि, अब कोर्ट ने साफ कर दिया है कि जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक कुछ भी नहीं कहा जाएगा।
इस मामले पर राजनीतिक नेता अपना अलग रुख अपना रहे हैं। बेरोजगार छात्र अपना आंदोलन चला रहे हैं। चयनित अभ्यर्थी, जो भर्ती प्रक्रिया जारी रखने के पक्ष में हैं, वे भी अपनी बात रख रहे हैं। जो परीक्षा में शामिल हुए थे और भर्ती से बाहर हो गए, वे paper leak को आधार बनाकर अलग आंदोलन कर रहे हैं। Mahesh Parik ने बताया कि यह एक ऐसी भर्ती है जो अलग-अलग स्तरों पर लड़ी जा रही है।
हालांकि, कानूनी पहलू कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा। कोर्ट इसमें आगे आदेश पारित करेगा। यदि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ फैसला जाता है, तो उन्हें अपील करने का अधिकार होगा। यदि राज्य सरकार के खिलाफ फैसला जाता है, तो राज्य सरकार मामले में अपील कर सकती है। लेकिन, कोर्ट की कार्यवाही कानूनी तरीके से ही आगे बढ़ेगी। राजनीतिक बयानबाजी या छात्र आंदोलन से न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी।
7 जुलाई को किनके बीच होगी बहस?
- 7 जुलाई को होने वाली सुनवाई में मुख्य रूप से तीन पक्ष बहस करेंगे:
- याचिकाकर्ता पक्ष: वे अभ्यर्थी जो भर्ती में शामिल हुए थे, लेकिन असफल रहे और भर्ती रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इनकी तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता आरपी सिंह पैरवी करेंगे।
- राज्य सरकार: राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता और अतिरिक्त महाधिवक्ता पेश होंगे।
- चयनित अभ्यर्थी पक्ष: वे अभ्यर्थी जो भर्ती में चयनित हो चुके हैं और अभी तक की जांच में निर्दोष साबित हुए हैं। ये पदों पर कार्यरत हैं और भर्ती रद्द न करने की मांग कर रहे हैं। इनकी ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश माथुर पक्ष रखेंगे।
चयनित अभ्यर्थियों का कहना है कि चूंकि कैबिनेट कमेटी ने नया निर्णय ले लिया है और सरकार ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है, इसलिए याचिका को खारिज किया जाना चाहिए। उनका तर्क है कि अगर याचिकाकर्ता चाहें, तो कैबिनेट सब-कमेटी के निर्णय को नई याचिका दायर करके चुनौती दे सकते हैं। वहीं, याचिकाकर्ता का कहना है कि अभी मामले पर मेरिट पर बहस नहीं हुई है और वे मेरिट पर बहस करना चाहते हैं।
भर्ती रद्द होने की संभावना?
Rajasthan SI Paper Leak News: सरकार ने पूरे मामले की समीक्षा के लिए छह मंत्रियों की एक सब-कमेटी बनाई थी। इसी कमेटी ने मामले में अपनी सिफारिशें मुख्यमंत्री कार्यालय तक भेजी हैं कि भर्ती प्रक्रिया को फिलहाल रद्द नहीं किया जाना चाहिए। कमेटी ने माना है कि अभी तक की जांच में कहीं भी यह साबित नहीं हुआ है कि बड़े स्तर पर धांधली हुई है।
कुल 800 से ज्यादा पद हैं, लेकिन केवल 55 से 60 अभ्यर्थी ही दोषी पाए गए हैं। कमेटी का मानना है कि उनकी स्क्रूटनी की जा सकती है। ऐसे में, पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह भी एक पक्ष सामने आया है कि पूरी भर्ती प्रक्रिया 800 से अधिक पदों पर थी और केवल 60 से भी कम अभ्यर्थी दोषी पाए गए हैं।