NEET PG NEWS: नई दिल्ली, 30 मई 2025: NEET PG की परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। परीक्षा कराने पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, एक ही शिफ्ट में आयोजित होगी परीक्षा। कोर्ट ने कहा कि दो शिफ्ट में परीक्षा करवाना अनुचित है नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE) के फैसले को “मनमाना” करार दिया और कहा कि यह “भेदभाव पैदा करता है क्योंकि इससे असमानता पैदा होती है और सभी उम्मीदवारों को समान अवसर नहीं मिल पाते। इस फैसले से लाखों मेडिकल छात्रों को राहत मिली है।
मनमानी नहीं चलेगी: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ तौर पर कहा है कि “मनमानी नहीं चलेगी।” अदालत का मानना था कि परीक्षा को दो शिफ्टों में आयोजित करना असमानता पैदा करता है। इस संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए, कोर्ट ने टिप्पणी की कि “यह सभी उम्मीदवारों को समान अवसर नहीं दे सकता।”
सरकार और परीक्षा बोर्ड की जिम्मेदारी
अब नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE) को इस फैसले को लागू करना होगा। परीक्षा को एक शिफ्ट में आयोजित करने के लिए उन्हें सभी केंद्रों पर उचित व्यवस्था करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि नई परीक्षा प्रणाली को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाया जाए।
मुख्य बिंदु: सुप्रीम कोर्ट के आदेश में क्या कहा गया?
नीट पीजी परीक्षा पूरे देश में एक ही शिफ्ट में आयोजित होनी चाहिए।
दो शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करना उम्मीदवारों के साथ असमान व्यवहार के समान है।
यह प्रक्रिया निष्पक्षता और पारदर्शिता के सिद्धांतों के खिलाफ है।
परीक्षा की कठिनाई स्तर में अंतर आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, इसलिए एक शिफ्ट ज़रूरी।
परीक्षा आयोजित करने वाली संस्थाओं के पास पर्याप्त संसाधन हैं, इसलिए एक शिफ्ट में परीक्षा संभव है।
NEET PG NEWS: परीक्षा 15 जून 2025
दो शिफ्ट में परीक्षा से क्यों हो रही थी परेशानी?
- प्रश्नपत्रों की कठिनाई में अंतर: कई बार छात्रों ने शिकायत की कि पहली शिफ्ट का पेपर अपेक्षाकृत आसान और दूसरी शिफ्ट का कठिन था।
- कटऑफ में गड़बड़ी: कठिन पेपर देने वालों का स्कोर गिरता है, जिससे वे मेरिट लिस्ट में पीछे रह जाते हैं।
- मानसिक दबाव: परीक्षा की अनिश्चितता छात्रों पर मानसिक दबाव बढ़ा देती है।
NEET PG NEWS: NBE ने क्या कहा?
नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE) ने कोर्ट में कहा कि दो शिफ्ट में परीक्षा कराना जरूरी है। उनका कहना था कि बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा देते हैं। एक ही शिफ्ट में सभी को बैठाना मुश्किल है। लेकिन कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया। इस महत्वपूर्ण निर्णय के साथ, सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश भर में एक ही शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने का प्रावधान सुनिश्चित किया है। यह केंद्र सरकार के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जो इस तरह की बड़ी परीक्षाओं में समानता लाने का प्रयास कर रही है।
क्या होंगे इस फैसले के दूरगामी प्रभाव?
- परीक्षा प्रक्रिया में निष्पक्षता बढ़ेगी।
- संस्थाओं को अपनी परीक्षा व्यवस्थाओं में सुधार लाना होगा।
- छात्र समुदाय में सुप्रीम कोर्ट के प्रति भरोसा और मज़बूत होगा।
परीक्षा की अखंडता सुनिश्चित
NEET PG NEWS: इस फैसले से परीक्षा की अखंडता और विश्वसनीयता भी मजबूत होगी। जब सभी उम्मीदवार एक ही प्रश्न पत्र का सामना करते हैं, तो मूल्यांकन प्रक्रिया अधिक निष्पक्ष हो जाती है। यह किसी भी प्रकार के (normalization) की आवश्यकता को भी समाप्त कर देता है, जो अक्सर दो अलग-अलग शिफ्टों के परिणामों की तुलना करते समय एक जटिल प्रक्रिया बन जाती है। इस प्रकार, यह फैसला सिर्फ एक तकनीकी बदलाव नहीं है, बल्कि यह परीक्षा प्रणाली में विश्वास और निष्पक्षता को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।