Karauli News, 4 अप्रैल 2025, शुक्रवार। मासलपुर थाना पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने 24 वर्षों से फरार चल रही 10 हजार रुपये की इनामी वारंटी महिला उम्मेदी राजपूत को गिरफ्तार कर लिया है। उम्मेदी पीलवा गांव, हिंडौन की निवासी है। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने उसे दौसा के रहुवास से दबोच लिया है।
तिहरे हत्याकांड का मामला
यह मामला साल 2001 का है। उस समय पीलवा गांव में खेत में पानी देने के दौरान एक विवाद हुआ था। इस विवाद ने हिंसक रूप ले लिया था। परिणामस्वरूप तीन लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद से ही उम्मेदी फरार चल रही थी।
न्यायालय ने उम्मेदी को भगोड़ा घोषित कर दिया था। पुलिस लगातार उसकी तलाश में थी। परंतु वह 24 सालों तक पुलिस को चकमा देती रही। पुलिस ने उसके सिर पर 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था।
गिरफ्तारी का विवरण
Karauli: मासलपुर थाना प्रभारी नीरज शर्मा के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया था। इस टीम में हेड कांस्टेबल परमजीत सिंह और कांस्टेबल राजेश कुमार शामिल थे। इन दोनों अधिकारियों ने इस गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम को पता चला कि उम्मेदी दौसा के रहुवास क्षेत्र में छिपी हुई है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उसे दबोच लिया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी महिला को बालघाट थाना पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया है।
अपराध का इतिहास
Karauli: सन् 2001 में पीलवा गांव में खेतों में पानी देने को लेकर विवाद हुआ था। उम्मेदी ने अपने परिजनों के साथ मिलकर तिघरिया गांव के एक परिवार पर हमला कर दिया था। हमले में बंदूक और धारदार हथियारों का इस्तेमाल किया गया था। इस हमले में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
स्थानीय लोगों के अनुसार, उस दिन पानी बंटवारे को लेकर छोटा सा झगड़ा हुआ था। लेकिन यह झगड़ा इतना बड़ा रूप ले लेगा, किसी ने नहीं सोचा था। हमले के बाद उम्मेदी और उसके साथी मौके से फरार हो गए थे।
पुलिस की सक्रियता
Karauli मासलपुर थाना प्रभारी नीरज शर्मा ने बताया कि वे लंबे समय से इस मामले पर काम कर रहे थे। “हमने कई गुप्त सूचनाओं के आधार पर छापे मारे,” उन्होंने कहा। “आखिरकार हमें सफलता मिल ही गई।”
हेड कांस्टेबल परमजीत सिंह ने बताया कि वे पिछले कई महीनों से उम्मेदी के संभावित ठिकानों पर नजर रख रहे थे। “हमें पता था कि वह कभी न कभी अपने परिजनों से संपर्क करेगी,” उन्होंने कहा। इसी सूचना के आधार पर उन्होंने दौसा में छापा मारा।
कानूनी प्रक्रिया
अब उम्मेदी को न्यायालय में पेश किया जाएगा। न्यायाधीश इस मामले की सुनवाई करेंगे। उसे 24 साल पुराने तिहरे हत्याकांड के आरोपों का सामना करना होगा। पुलिस सूत्रों के अनुसार, उम्मेदी के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं।
बालघाट थाना प्रभारी ने बताया कि वे इस मामले की जांच को आगे बढ़ा रहे हैं। “हम अन्य संदिग्धों की भी तलाश कर रहे हैं जो इस मामले में शामिल हो सकते हैं,” उन्होंने कहा।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
पीलवा गांव के लोगों ने इस गिरफ्तारी का स्वागत किया है। गांव के सरपंच रामलाल ने कहा, “24 साल बाद न्याय की उम्मीद फिर से जाग गई है।” पीड़ित परिवार के सदस्य भी इस कार्रवाई से संतुष्ट हैं।
एक स्थानीय निवासी ने बताया, “हम सभी को यकीन था कि एक दिन कानून अपना काम करेगा।” उन्होंने पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई की सराहना की।
वरिष्ठ अधिकारियों का बयान
जिला पुलिस अधीक्षक ने मासलपुर थाना पुलिस की टीम को इस सफलता के लिए बधाई दी है। उन्होंने कहा, “यह साबित करता है कि अपराधी कितने भी समय तक भागता रहे, कानून की पकड़ से बच नहीं सकता।”
रेंज आईजी ने भी इस गिरफ्तारी की सराहना की है। उन्होंने कहा, “पुराने मामलों को भी हम गंभीरता से लेते हैं। पुलिस का सतत प्रयास रहता है कि कोई अपराधी बचने न पाए।”
इस प्रकार, 24 साल बाद भी न्याय व्यवस्था ने अपना काम किया है। यह गिरफ्तारी बताती है कि कानून की नजर से कोई बच नहीं सकता, चाहे कितना भी समय क्यों न बीत जाए।