जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को J&K Budget 2025 विधानसभा में पेश किया। यह बजट खास है क्योंकि यह छह साल बाद पेश होने वाला पहला बजट है और अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्य की नई सरकार की आर्थिक योजनाओं को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने इसे “जनता की उम्मीदों का आईना” और “आर्थिक विकास का रोडमैप” बताया। साथ ही, उन्होंने केंद्र सरकार के नेतृत्व को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह बजट युवाओं, महिलाओं, किसानों और गरीबों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है।
J&K Budget 2025 का महत्व: 6 साल बाद पहला बजट
जम्मू-कश्मीर में पिछले छह सालों से केंद्र शासित प्रशासन चल रहा था। अक्टूबर 2023 में नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार बनने के बाद यह पहला मौका है जब राज्य की जनता को अपनी सरकार का बजट देखने को मिला। मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने इस बजट को “ऐतिहासिक” बताते हुए कहा, “हमारी चुनौतियाँ बड़ी हैं, लेकिन हम सभी को मिलकर इनसे लड़ना होगा। यह बजट हर नागरिक के सपनों को पूरा करने की दिशा में पहला कदम है।”

इससे पहले, अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया था। तब से राज्य के विकास और शासन की जिम्मेदारी केंद्र सरकार के पास थी। ओमर अब्दुल्ला ने बजट पेश करते हुए राज्य के पूर्ण राज्य का दर्जा वापस पाने की माँग भी दोहराई।
J&K Budget 2025 के मुख्य बिंदु
बजट में कृषि, पर्यटन, स्वास्थ्य, रोजगार और महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है। आइए विस्तार से समझते हैं:
1. किसानों के लिए 815 करोड़ रुपये का प्रावधान
- कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 815 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
- सरकार का लक्ष्य है कि जम्मू-कश्मीर में “दो-फसल प्रणाली” को बढ़ावा मिले, ताकि किसानों की आय दोगुनी हो सके।
- स्थानीय उत्पादों जैसे केसर, अखरोट और सेब को जीआई (भौगोलिक संकेत) टैग दिलाने पर भी जोर दिया जाएगा।
2. 2.88 लाख युवाओं को रोजगार
- बजट में युवाओं के लिए 2.88 लाख नौकरियों का लक्ष्य रखा गया है।
- नए उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 64 औद्योगिक एस्टेट बनाए जाएंगे।
- स्पोर्ट्स और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक फिल्म पॉलिसी भी लॉन्च की जाएगी, जिससे युवाओं को मनोरंजन उद्योग में अवसर मिलेंगे।
3. पर्यटन के लिए 390 करोड़ रुपये
- जम्मू-कश्मीर को “पर्यटन की राजधानी” बनाने के लिए 390.20 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
- नए टूरिज्म इवेंट्स, ट्रेकिंग रूट्स और हेरिटेज साइट्स को विकसित किया जाएगा।
- होटलों और ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को मॉडर्न बनाने पर भी काम होगा।
4. स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार
- हर नागरिक को 5 लाख रुपये तक का हेल्थ इंश्योरेंस दिया जाएगा।
- दो नए AIIMS (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) और 10 नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे।
- ग्रामीण इलाकों में टेलीमेडिसिन सुविधाएँ बढ़ाई जाएंगी।
5. महिलाओं के लिए बड़ी घोषणाएँ
- महिलाओं को मुफ्त बस सेवा का लाभ मिलेगा।
- शादी सहायता योजना में 50,000 रुपये की जगह अब 75,000 रुपये दिए जाएंगे।
- महिला स्वयं सहायता समूहों को लोन और ट्रेनिंग में मदद की जाएगी।
6. बिजली और GST में सुधार
- गरीब परिवारों को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलेगी।
- जीएसटी (GST) से जुड़ी शिकायतों को दूर करने के लिए नए नियम बनाए जाएंगे, ताकि व्यापारियों को राहत मिल सके।
चुनौतियाँ: सरकारी खर्चे और वित्तीय अनुशासन
मुख्यमंत्री ने माना कि सरकार के सामने कई चुनौतियाँ हैं। उन्होंने बताया कि बजट का 70% हिस्सा सिर्फ कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पर खर्च होता है, जिससे विकास कार्यों के लिए कम बजट बचता है। इसके बावजूद, सरकार ने वित्तीय अनुशासन बनाए रखने और कर्ज को नियंत्रण में रखने का वादा किया है।
ओमर अब्दुल्ला का भावनात्मक पल
बजट पेश करने से पहले ओमर अब्दुल्ला ने एक पुरानी याद साझा की। उन्होंने बताया कि सात साल पहले वह विधानसभा में मजाक में ब्रीफकेस उठाकर बजट पेश करने का नाटक करते थे। उस समय उन्हें नहीं पता था कि एक दिन वह वास्तव में यह जिम्मेदारी निभाएंगे। उन्होंने भाजपा नेता देवेंद्र सिंह राणा के साथ खिंची एक तस्वीर भी शेयर की, जिसमें वह बजट ब्रीफकेस लेकर नजर आ रहे हैं।
निष्कर्ष: “एक नए जम्मू-कश्मीर की नींव”
मुख्यमंत्री ने बजट को “शांति, समृद्धि और एकता” का आधार बताया। उन्होंने कहा कि यह बजट सिर्फ आंकड़ों का पुलिंदा नहीं, बल्कि हर नागरिक की उम्मीदों को पूरा करने का वादा है। हालाँकि, विपक्ष ने J&K Budget 2025 को “दिखावटी” बताते हुए कहा है कि इसमें बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर ठोस योजनाएँ नहीं हैं।
अब नजर इस बात पर है कि क्या J&K Budget 2025 में की गई घोषणाएँ जमीन पर उतर पाएंगी और राज्य का आर्थिक पहिया गति पकड़ेगा।