क्रिकेट प्रेमियों के लिए बड़ी खबर! इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का 18वां सीजन यानी IPL 2025 कुछ नए नियमों के साथ शुरू होने वाला है। BCCI ने टूर्नामेंट से ठीक पहले कुछ ऐसे बदलाव किए हैं, जो मैचों के दौरान टीमों की रणनीति को पूरी तरह बदल सकते हैं। चलिए, विस्तार से जानते हैं इन नए नियमों के बारे में…
1. सैलिवा बैन हटा: गेंद चमकाने की मिली छूट
कोरोना महामारी के बाद पहली बार बॉलर्स को गेंद चमकाने के लिए सैलिवा (लार) का इस्तेमाल करने की इजाजत मिल गई है। BCCI ने यह फैसला मुंबई में हुए कप्तानों के मीटिंग में सभी टीमों के कप्तानों की सहमति के बाद लिया। दरअसल, 2020 में ICC ने सैलिवा पर पाबंदी लगा दी थी, लेकिन अब IPL ने अपने नियम बदलकर बॉलर्स को राहत दे दी है। क्रिकेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह बदलाव गेंद को स्विंग कराने में मददगार साबित होगा, खासकर टीमों के लिए जो धीमी गेंदबाजी पर निर्भर हैं।
2. दूसरी पारी में ‘ड्यू’ के हिसाब से नई गेंद!
इस सीजन में शाम के मैचों की दूसरी पारी (evening) में 11वें ओवर से नई गेंद इस्तेमाल की जा सकती है, लेकिन यह सिर्फ तभी होगा जब अंपायर्स को लगे कि मैदान पर ड्यू (ओस) का असर ज्यादा है। ड्यू की वजह से गेंद फिसलन भरी हो जाती है और बॉलर्स को कंट्रोल करने में दिक्कत आती है। नई गेंद मिलने से बॉलर्स को राहत मिलेगी और मैच का बैलेंस बना रहेगा। हालांकि, यह नियम दोपहर के मैचों पर लागू नहीं होगा। यानी, चेलेंजर ट्रॉफी की रेस में यह बदलाव टीमों को रात के गेम्स में ज्यादा फायदा देगा।
3. DRS का विस्तार: वाइड बॉल पर भी होगा रिव्यू!
IPL 2025 में डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) का दायरा बढ़ा दिया गया है। अब टीमें वाइड बॉल के फैसले को भी चुनौती दे सकेंगी, लेकिन सिर्फ ऑफ-साइड और हाईट (ऊंचाई) वाले वाइड्स पर। मसलन, अगर बॉलर का कोई डिलीवरी बैट्समैन के सिर के ऊपर से गुजरता है या ऑफ-साइड पर ज्यादा वाइड फेंका जाता है, तो अंपायर के फैसले को DRS के जरिए चेक किया जा सकेगा। हालांकि, लेग-साइड वाइड्स का फैसला अभी भी मैदानी अंपायर्स के हाथ में ही रहेगा। यह बदलाव मैचों में निष्पक्षता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
इम्पैक्ट प्लेयर नियम जारी: 12 खिलाड़ी खेलेंगे!
पिछले सीजन में शुरू किया गया इम्पैक्ट प्लेयर रूल इस बार भी जारी रहेगा। इसके तहत टीमें मैच के दौरान एक खिलाड़ी को बदलकर 12वें प्लेयर को मौका दे सकती हैं। मसलन, बैटिंग या बॉलिंग की स्थिति के हिसाब से कप्तान मिड-मैच में किसी विशेषज्ञ खिलाड़ी (जैसे एक्स्ट्रा बैट्समैन या बॉलर) को उतार सकता है। हालांकि, इस नियम की कई क्रिकेटर्स ने आलोचना की थी। उनका कहना है कि इससे ऑलराउंडर्स का महत्व कम हो जाता है, क्योंकि टीमें अलग-अलग भूमिकाओं के लिए अलग खिलाड़ियों पर निर्भर हो सकती हैं। लेकिन बीसीसीआई ने इस साल भी इसे बरकरार रखने का फैसला किया है।
क्या होगा असर? एक्सपर्ट्स की राय
इन नियमों को लेकर क्रिकेट एक्सपर्ट्स की राय बंटी हुई है। कुछ का मानना है कि सैलिवा के इस्तेमाल से टेस्ट क्रिकेट जैसी रणनीति IPL में दिखेगी, जबकि ड्यू के हिसाब से नई गेंद मिलने से हाई-स्कोरिंग मैचों पर अंकुश लगेगा। वहीं, DRS में वाइड की समीक्षा से मैच के निर्णय और सटीक होंगे। हालांकि, इम्पैक्ट प्लेयर को लेकर चिंता जताई जा रही है कि यह नियम युवा ऑलराउंडर्स के विकास में रोड़ा बन सकता है।
फैंस की उम्मीदें
IPL 2025 की शुरुआत 22 मार्च को कोलकाता के Eden Gardens में होगी, जहां चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) आमने-सामने होंगे। फैंस उम्मीद कर रहे हैं कि ये नए नियम टूर्नामेंट को और ज्यादा एक्शन-पैक और प्रतिस्पर्धी बनाएंगे। अब देखना यह है कि टीमें इन बदलावों के साथ कैसे एडजस्ट करती हैं और कौन सी फ्रेंचाइजी इस बार इतिहास रचती है!