Pilupura News: भरतपुर जिले के बयाना क्षेत्र के Pilupura गांव में 8 जून 2025 को गुर्जर समाज की एक बड़ी महापंचायत आयोजित होने जा रही है। इसकी घोषणा गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैसला ने की है। समिति के अनुसार, यह महापंचायत राज्य सरकार द्वारा MBC (अत्यंत पिछड़ा वर्ग) आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर आयोजित की जा रही है, जो अब तक पूरी नहीं हुई हैं।
गुर्जर समाज के लोगों से इस महापंचायत में भारी संख्या में शामिल होने की अपील की जा रही है। समोगर, कारबारी, रसेरी, धुरेरी, मावली सहित कई गांवों में नुक्कड़ सभाओं का आयोजन हो रहा है। लोगों को आमंत्रित करने के लिए पीले चावल बांटे जा रहे हैं, जो राजस्थान की परंपरा के अनुसार किसी बड़े आयोजन में आमंत्रण का प्रतीक माना जाता है।
महापंचायत की तैयारियां जोरों पर
राजस्थान के भरतपुर ज़िले के बयाना क्षेत्र से बड़ी खबर सामने आ रही है। 8 जून 2025 (शनिवार) को पीलूपुरा गांव में गुर्जर समाज की एक बड़ी महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। यह महापंचायत गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा बुलाई गई है। इस आयोजन को लेकर पूरे इलाके में चर्चाएं तेज़ हैं और गांव-गांव में जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है।
गुर्जर समाज के लोगों से इस महापंचायत में भारी संख्या में शामिल होने की अपील की जा रही है। समोगर, कारबारी, रसेरी, धुरेरी, मावली सहित कई गांवों में नुक्कड़ सभाओं का आयोजन हो रहा है। लोगों को आमंत्रित करने के लिए पीले चावल बांटे जा रहे हैं, जो राजस्थान की परंपरा के अनुसार किसी बड़े आयोजन में आमंत्रण का प्रतीक माना जाता है।
अध्यक्ष विजय बैसला ने की घोषणा
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैसला ने इस महापंचायत की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह पंचायत समाज की मांगों को लेकर होगी। महापंचायत में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। विजय बैसला ने श्रद्धांजलि सभा के दौरान इस पंचायत का ऐलान किया।
Gurjar समाज की प्रमुख मांगें
गुर्जर समाज इस पंचायत में कुछ प्रमुख मांगों को लेकर आगे की रणनीति तैयार करेगा:
- देवनारायण योजना की समीक्षा बैठक – हर महीने होनी चाहिए, लेकिन यह नियमित रूप से नहीं हो रही है।
- आंदोलन के दौरान हुए मुकदमों की वापसी – सरकार ने अभी तक पुराने मुकदमे वापस नहीं लिए हैं।
- MBC वर्ग के युवाओं को नियुक्ति – रीट परीक्षा में चयनित MBC युवाओं को अब तक नियुक्ति नहीं मिली है।
- देवनारायण योजना का बजट बढ़ाने की मांग – योजना की राशि का आवंटन लगातार घटाया जा रहा है।
Pilupura : Andolan की धरती
गौरतलब है कि Pilupura गांव को गुर्जर समाज के आंदोलनों का गढ़ माना जाता है। जब भी समाज ने कोई बड़ा फैसला लिया है, उसकी शुरुआत यहीं से हुई है। पिछले आंदोलनों में भी यहीं से महापंचायत हुई थी और उसी के बाद राज्यव्यापी आंदोलन की रूपरेखा बनी थी।
इसलिए इस बार भी पीलूपुरा से एक नई लड़ाई की शुरुआत मानी जा रही है। समाज के नेता और कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर लोगों को जोड़ रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह महापंचायत निर्णायक होगी।
आंदोलन की रणनीति क्या होगी?
समाज के लोग लंबे समय से सिकंदरा, जसोहिंदा और अन्य स्थानों पर धरना दे रहे हैं। इस महापंचायत में आगे की रणनीति तय की जाएगी। समाज के नेता तय करेंगे कि सरकार से मांगों को पूरा कराने के लिए कौन-कौन से कदम उठाने जरूरी हैं।
सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार
गुर्जर समाज के नेताओं का कहना है कि सरकार को चाहिए कि वह उनकी मांगों को गंभीरता से ले। पिछले आंदोलनों के दौरान सरकार ने कई वादे किए थे, लेकिन अब तक उन्हें पूरा नहीं किया गया। ऐसे में अगर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती, तो आंदोलन तेज किया जा सकता है।
जनता की प्रतिक्रिया
गांवों में लोगों का उत्साह देखा जा रहा है। बड़ी संख्या में लोग पंचायत में शामिल होने की तैयारियां कर रहे हैं। नेताओं का कहना है कि यह पंचायत समाज के भविष्य के लिए अहम साबित होगी।
अब सबकी नजर 8 जून पर टिकी है। देखना होगा कि पंचायत में कौन-कौन से निर्णय लिए जाते हैं और आगे समाज की रणनीति क्या रहती है। पंचायत के फैसले से यह तय होगा कि गुर्जर समाज का आंदोलन किस दिशा में जाएगा।