Ek Ped Maa Ke Naam: नरेंद्र मोदी ने 5 जून 2024 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान की शुरुआत की। यह पहल भारत की समृद्ध संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी जिम्मेदारी का प्रतीक है। भारतीय परंपरा में धरती को “माँ” माना गया है। इस पहल ने ना सिर्फ पर्यावरण की चिंता को आम जनता से जोड़ा, बल्कि भावनात्मक रूप से भी लोगों को माँ और प्रकृति के रिश्ते में बाँध दिया।
अभियान की शुरुआत
5 जून 2024 को दिल्ली के बुद्ध जयंती पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीपल का पौधा लगाकर इस अभियान की नींव रखी। इस अभियान के तहत देशभर में लाखों लोगों ने अपनी माताओं के नाम पर पौधे लगाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया। यह पहल मात्र पर्यावरण बचाने की नहीं थी, बल्कि इसमें भावनात्मक और सांस्कृतिक जुड़ाव भी था।
अभूतपूर्व जनसहभागिता
मोदी जी के आह्वान पर देशवासियों ने इस अभियान को ऐतिहासिक बना दिया। एक घंटे में 5 लाख पौधे लगाने का रिकॉर्ड बना। महिलाओं की टीम ने एक घंटे में सबसे ज्यादा पौधारोपण कर नया इतिहास रचा। एक ही स्थान पर सबसे अधिक लोगों द्वारा पौधा लगाने का रिकॉर्ड भी दर्ज हुआ। “वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन” में इन उपलब्धियों को अंकित किया गया।
Ek Ped Maa Ke Naam:अभियान के मूल उद्देश्य
यह पहल सरकारी वृक्षारोपण योजनाओं से आगे बढ़कर भारतीय मूल्यों को एक साथ जोड़ने का प्रयास था। इसके मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित थे:
- मातृत्व का सम्मान – हर पेड़ एक माँ की तरह जीवन को पोषण और सुरक्षा देता है।
- पर्यावरण संरक्षण – धरती को हरित और स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प।
- भविष्य की पीढ़ियों की सुरक्षा – आज लगाए गए पौधे आने वाले भारत की नींव हैं, जिन्हें हम अगली पीढ़ियों को सौंपेंगे।
डिजिटल सहभागिता
“Ek Ped Maa Ke Naam” अभियान को जन आंदोलन बनाने के लिए मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया। इस ऐप के माध्यम से लोग अपनी माँ के नाम पर लगाए गए पौधे की तस्वीर अपलोड कर सकते थे। इससे लाखों लोग डिजिटल रूप से इस अभियान से जुड़े।
अद्वितीय उपलब्धि
इस अभियान का लक्ष्य 80 करोड़ पौधे लगाने का था, जिसे 5 दिन पहले ही प्राप्त कर लिया गया। यह पहल केवल पर्यावरण बचाने की मुहिम नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण भी थी। इसमें माँ, प्रकृति और सुरक्षित भविष्य को एक साथ जोड़ने का प्रयास किया गया।
माँ और बच्चों का भावनात्मक जुड़ाव
Ek Ped Maa Ke Naam अभियान का सबसे भावुक पहलू था माँ और बच्चों का रिश्ता। कई लोगों ने अपनी वृद्ध माँ के साथ मिलकर पौधा लगाया। किसी ने अपनी दिवंगत माँ की याद में पौधा रोपा। इसने लाखों लोगों की आँखें नम कर दीं।