Deeg News, Bharatpur 16 July 2025: राजस्थान सरकार अब राज्यभर में तहसीलों की संख्या कम करने की तैयारी में जुट गई है। इसी कड़ी में Bharatpur and Deeg जिले की कुछ पुरानी तहसीलों को पास की बड़ी तहसीलों में मर्ज (विलय) करने की योजना बनाई जा रही है। राजस्व विभाग ने इस पर तेजी से काम शुरू कर दिया है और अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई है।
भरतपुर जिले में ये तहसीलें होंगी मर्ज:
भरतपुर जिले में राजस्व विभाग ने कुछ तहसीलों को उनके पुराने तहसील कार्यालयों में विलय करने की तैयारी कर ली है। इनमें शामिल हैं:
- लखनपुर तहसील का नदबई में विलय: नदबई उपखंड में आने वाली लखनपुर तहसील को अब नदबई तहसील कार्यालय में मर्ज किया जाएगा। इससे प्रशासनिक कार्यों में सुगमता आने की उम्मीद है।
- हलैना तहसील का भुसावर में विलय: हलैना तहसील को भुसावर में विलय करने की तैयारी है। यह कदम भी प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
- रुदावल तहसील का रूपवास में विलय: रुदावल तहसील को रूपवास में मर्ज किया जाएगा। इससे दोनों क्षेत्रों के राजस्व संबंधी कार्यों का प्रबंधन एक ही स्थान से हो सकेगा।
Deeg जिले में भी होगा पुनर्गठन:
Deeg News: नये बनाये गये डीग district में भी राजस्व विभाग द्वारा पुनर्गठन की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। यहां भी कुछ तहसीलों को मर्ज करने की योजना है:
- जनूथर तहसील का डीग में विलय: डीग की जनूथर तहसील को अब डीग तहसील कार्यालय में ही मर्ज कर दिया जाएगा। इससे डीग मुख्यालय पर ही सभी राजस्व संबंधी कार्य निपटाए जा सकेंगे।
- रारह तहसील का कुम्हेर में विलय: रारह तहसील को कुम्हेर में विलय करने की तैयारी चल रही है। यह निर्णय भी प्रशासनिक सुविधा और राजस्व संग्रह को ध्यान में रखकर लिया जा रहा है।
- जुरहेरा तहसील का कामां में विलय: जुरहेरा तहसील को कामां तहसील कार्यालय में मर्ज किया जाएगा। यह विलय भी प्रशासनिक ढांचे को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत और पटवार मंडल भी होंगे कम:
इन तहसील कार्यालयों के विलय के साथ-साथ Gram Panchayats और पटवार मंडलों की संख्या भी कम की जाएगी। राजस्व विभाग इस संबंध में भी तैयारी में जुटा हुआ है। सरकार का मानना है कि जिन ग्राम पंचायतों और पटवार मंडलों की उपयोगिता अब कम हो गई है, उन्हें कम किया जाना चाहिए ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सके।
सरकार की मंशा और कारण:
राजस्थान सरकार ने हाल ही में District Collectors और राजस्व विभाग (revenue Department) के अन्य अधिकारियों से उन तहसील, उपखंड कार्यालयों और पटवार मंडलों की रिपोर्ट मांगी थी जिनकी संख्या बहुत अधिक है या जिनकी उपयोगिता अब नहीं रही है। इस संबंध में ललित के. पवार कमेटी की Report का भी अध्ययन किया जा रहा है। जिस तरह पहले जिलों की संख्या में कमी की गई थी, उसी तर्ज पर अब राजस्व इकाइयों को भी युक्तिसंगत बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
सरकार का मानना है कि कुछ तहसील कार्यालयों पर अनावश्यक बोझ बढ़ गया है, जबकि उनकी कोई विशेष उपयोगिता नहीं है। इससे राजस्व पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में, इन इकाइयों को कम करने से प्रशासनिक कार्यकुशलता बढ़ेगी और राजस्व संग्रह में भी सुधार होगा।
Deeg News: क्या होगा प्रभाव?
इन बदलावों से Bharatpur और Deeg जिले के राजस्व प्रशासन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
- प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि: तहसीलों और उपखंड कार्यालयों के विलय से प्रशासनिक कार्यकुशलता बढ़ने की उम्मीद है। एक ही स्थान से अधिक क्षेत्रों का प्रबंधन होने से निर्णय लेने की प्रक्रिया तेज होगी।
- संसाधनों का बेहतर उपयोग: कम संख्या में कार्यालय होने से सरकार मानव संसाधन और अन्य बुनियादी ढांचे का बेहतर उपयोग कर पाएगी।
- जनता को सुविधा: कई मामलों में, एकीकरण से जनता को भी सुविधा हो सकती है, क्योंकि उन्हें अपने कार्यों के लिए कम कार्यालयों में जाना पड़ेगा। हालांकि, कुछ लोगों को अपने कार्यों के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ सकती है।
- राजस्व संग्रह में सुधार: सरकार का मानना है कि अनावश्यक कार्यालयों को कम करने से राजस्व संग्रह में भी सुधार होगा, क्योंकि संसाधनों का बेहतर तरीके से आवंटन हो पाएगा।
आगे की प्रक्रिया:
Deeg News: राजस्व विभाग इन विलयों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रहा है। यह रिपोर्ट जल्द ही सरकार को भेजी जाएगी। सरकार इस रिपोर्ट पर विचार करने के बाद ही अंतिम निर्णय लेगी। एक बार जब सरकार इन प्रस्तावों को मंजूरी दे देगी, तो इन परिवर्तनों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
यह देखना होगा कि इन बड़े प्रशासनिक बदलावों का आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ता है और राजस्व विभाग इन परिवर्तनों को कितनी सहजता से लागू कर पाता है।