रायपुर। केंद्रीय जांच एजेंसी एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने सोमवार सुबह छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता Bhupesh Baghel के आवास पर छापा मारा। यह कार्रवाई राज्य के 2100 करोड़ रुपये के कथित शारब घोटाले के मामले में की गई। छापेमारी के बाद ED की टीम जब वापस लौट रही थी, तो कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया। हालांकि, इस हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
क्या हुआ छापेमारी के दौरान?
ED की टीम सुबह 7 बजे Bhupesh Baghel के भिलाई स्थित मानसरोवर कॉलोनी स्थित आवास और उनके कैंप ऑफिस पर पहुंची। साथ ही, पूर्व CM के करीबी सहयोगियों, उनके बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों, और कांग्रेस नेता राजेंद्र साहू, मुकेश चंद्राकर, सुनिल जैन समेत 10 अन्य लोगों के घरों पर भी छापे मारे गए।
छापे के दौरान ED ने भूपेश के वाहनों और परिवार के सदस्यों के दस्तावेजों की जांच की। एजेंसी ने नकदी गिनने के लिए मशीन भी मंगवाई। करीब 11 घंटे तक चली कार्रवाई के बाद शाम 6 बजे ED की टीम 33 लाख रुपये नकद और कुछ दस्तावेजों के साथ वापस लौटी। भूपेश बघेल ने दावा किया कि ED ने उनके घर से जो नकदी जब्त की है, वह उनकी पत्नी की “स्त्रीधन” (जेवरात) है।
ED टीम पर हमले का मामला गरमाया
छापेमारी की खबर फैलते ही भूपेश के समर्थकों ने उनके आवास के बाहर जमावड़ा शुरू कर दिया। ED टीम के वापस जाते समय कुछ लोगों ने उनकी गाड़ियों पर पथराव किया। सूत्रों के मुताबिक, हमलावरों में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल थे, जो ED की कार्रवाई से नाराज थे। एक डिप्टी डायरेक्टर की गाड़ी को निशाना बनाया गया, हालांकि किसी के घायल होने की पुष्टि नहीं हुई।
विधानसभा में कांग्रेस ने मचाया हो-हल्ला
ED की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने सदन में हंगामा किया। उन्होंने वेल्लो (सदन की पवित्र मेज) के पास जाकर “ED बदनाम करो, बदनाम करो” के नारे लगाए। स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने 14 कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया, जिसके बाद पार्टी नेता महात्मा गांधी की मूर्ति के सामने धरने पर बैठ गए।
भूपेश बघेल ने क्या कहा?
पूर्व CM ने ED की कार्रवाई को “राजनीतिक बदला” बताया। उन्होंने कहा, “मैंने विधानसभा में सरकार से सवाल पूछे थे, इसलिए यह छापा मारा गया। पहले कवासी लाखमा के साथ भी ऐसा हुआ था। ED ने मेरे घर से 33 लाख रुपये और 150 एकड़ जमीन के कागजात ले लिए हैं। मैं हर पैसे का हिसाब दूंगा।”
CM विष्णुदेव साई ने दिया जवाब
छत्तीसगढ़ के मौजूदा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साई ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में कई घोटाले हुए, जिनकी जांच केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं। “जो लोग जेल में हैं या जाने वाले हैं, उन्हें अपनी गलतियों का अंजाम भुगतना पड़ेगा। राज्य सरकार का इन जांचों में कोई दखल नहीं है।”
घोटाले के अन्य आरोपियों की जेल यात्रा
शराब घोटाले में आरोपी पूर्व IAS अनिल टुटेजा, व्यापारी अनवर धेबर और पूर्व BSP नेता अरविंद सिंह की न्यायिक हिरासत 28 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है। ED ने घोटाले में 20 नए नाम जोड़े हैं, जिनमें नवीन केडिया और भूपेंद्र सिंह भाटिया शामिल हैं। पूर्व उत्पाद मंत्री कवासी लाखमा भी इसी मामले में जेल में बंद हैं।
आगे क्या: सियासी गहमागहमी जारी
Bhupesh Baghel पर ED की कार्रवाई ने राज्य की राजनीति को गरमा दिया है। कांग्रेस ने इसे “केंद्र सरकार का दबाव” बताया है, जबकि भाजपा का कहना है कि “घोटालेबाजों को सजा मिलनी चाहिए।” आने वाले दिनों में यह मामला और जोर पकड़ सकता है।